डॉ0 तेजनारायण कुशवाहा | अंगिका साहित्यकार |
Dr. Tej Narayan Kushwaha | Angika Litterateur
डॉ0 तेजनारायण कुशवाहा
जन्म तिथि- 14 अप्रैल 1933
जन्म स्थान - ग्राम-सिंघाड़ी , थाना-मेहराम (गोड्डा) नानीघर
पिता का नाम - बृजनन्दन सिंह
पैतृक गाँव- भंगोवान, कहलगाँव, भागलपुर।
वर्तमान पता - गॉधीनगर, ईशीपुर, भागलपुर
शिक्शा - एम0ए0 (हिन्दी एवं संस्कृत)
पी0एच0डी0 साहित्यालंकार, आयुर्वेदाचार्य।
पेशा - उच्च विद्यालय से प्रधानाध्यापक, पद से सेवा निवृत, अध्ययन, मनन,
चिंतन, लेखन, (हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी, अंगिका, भोजपुरी आदि भाशाओं
में)।
प्रकाशित पुस्तकें।: हिन्दी और भोजपुरी के दर्जनों पुस्तकों के अलावे
अंगिका की निम्नलिखित पुस्तकें प्रकाशित हैं। -अंग दर्शन, सवर्णा, अंगिका:
सम्पूर्ण भाशा समपूर्ण साहित्य, महर्शि मे ही से मिल अंगिका भाशा का इतिहास
(हिन्दी में) आदि।
अंगिका की काव्य पुस्तक सवर्णा के लिए राजभाशा विभाग बिहार सरकार से
ग्रियर्सन पुरसकार तथा डॉ0 कुशवाहा के भाशिक और साहित्यक उपलब्धियों,
देयों, प्रदेशों के आधार पर देश की दर्जनों राश्ट्रीय संस्थाआंे से डॉ0
अम्बेदकर राश्ट्रीय सेवा पुरस्कार, रेणु, अनूप, डॉ0 राम
प्र0 सिंह, भवप्रीतानन्द, बलिनारायण, आदि पुरस्कारों से पुरस्कृत, सुपथगा
सम्मान, भारत भाशा भूशण, विद्यावाचस्पति, साहित्यवाचस्पति, काव्य शास्त्री
आदि मानद उपाधियों से विभूशित हैं।
विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में आकाशवाणी एवं दूरदर्शन में रचनाएँ प्रकाशित एवं प्रसारित। कई पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन।
डॉ0 कुशवाहा अंग प्रान्तीय साहित्य सम्मेलन, अखिल भारतीय हिन्दी भाशा
सम्मेलन, अ0भा0 अंगिका भाशा सम्मेलन, विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ आदि कई
संस्थाओं के संस्थापक है। सम्प्रति दर्जनों राश्ट्रीय, अन्तर्राश्ट्रीय
संस्थाओं से सम्बद्ध तथा देश विदेश के सैंकड़ों विद्यानों
से जुड़े जहकर विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ के कुल सचिव, अ0 भा0 अंगिका
साहितय कला मंच के राश्ट्रीय कला मंच के राश्ट्रीय अध्यक्श, अ0भा0 भाशा
साहित्य सम्मेलन बिहार शाखा एवं जहानवी अंगिका संस्कृति संस्थान के
उपाध्यक्श हैं।
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