अच्युतानन्द चौधरी ‘लाल’
भीखनपुर, भागलपुर में अपना मकान। पुराना जमींदार । कहने का तो वकील मिन्तु साहित्य और संगीत से ज्यादा लगाव। अंग माधुरी के 1977 ई0 के मई अंक मंे इनकी पहली अंगिका कविता ‘षिवजी के बरात, प्रकाषित हुई है।
‘षिवजी हीरो बन हो’ नामक अंगिका गीतों का संग्रह पुस्तक रूप में प्रकाषित।
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