निलय रंजन सिंह | अंगिका साहित्यकार
Nilaya Ranjan Singh | Angika Litterateur
भाषा ज्ञान - अंगिका, हिन्दी, अंग्रेजी, फ्रेंच , स्पेनिश और जर्मन
निलय रंजन सिंह | अंगिका साहित्यकार
Nilaya Ranjan Singh | Angika Litterateur
श्री निलय रंजन सिंह वर्तमान में भारतीय स्टेट बैंक में सहायक महाप्रबंधक के पद पर दिल्ली में कार्यरत हैं। इन्हें देश- विदेश में बैंकिंग के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों का गहन अनुभव है. यूरोपीय देशों से सम्बद्ध बैंकिंग में इनकी विशेषज्ञता है।
श्री सिंह यूरोप की वित्तीय राजधानी फ्रैंकफर्ट में भी कार्यरत रहे. मूलतः गढ़ी मोहनपुर (राज गढ़) सहोड़ा (राज गढ़) निवासी श्री निलय इससे पहले भारतीय इस्पात प्राधिकरण के बोकारो संयत्र में अधिकारी के तौर पर कार्यरत थे।
इन्होंने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से अन्वेषण रसायन में परास्नातक की उपाधि प्राप्ति के बाद एम बी ए किया। पत्रकारिता में स्नातक श्री निलय ने फ्रेंच , स्पेनिश और जर्मन भाषाओं में भी डिप्लोमा किया है।
अभी वह इग्नू से प्रबंधन में शोधकार्य कर रहे हैं। इन्होने ऋण , जोखिम , विपणन, अंतर्राष्ट्रीय व्यापर, आई टी एवं अन्य कई विषयों में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय उपाधियाँ प्राप्त की हैं। इनके कई शोध, लेख, निबंध और कवितायेँ हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित और पुरस्कृत हो चुके हैं।
इन्होने तीस-बत्तीस देशों की यात्राओं से वहां की संस्कृति, लोगों और जीवनशैली का नजदीक सेअध्ययन किया है। ये वित्त एवं बैंकिंग,अर्थशास्त्र,आई टी एवं प्रबंधन पर ब्लॉग भी लिखते हैं।
जमीन से जुड़े श्री निलय का पैतृक गांव राजगढ़ (सहोड़ा) बिहार के बांका जिले में है. स्वभाव से स्वछन्द और यायावर श्री सिंह के निबंध एक पुस्तक नई पर्सपेक्टिव ऑफ़ मैनेजमेंट, में शामिल की गयी है तथा इनकी हिंदी कविताओं की एक पुस्तक 'कनेर के फूल' २०१९ में प्रकाशित हुई है। उनकी यह कृति मुख्यतः विश्वविद्यालय के दिनों की कविताओं का संग्रह है जिसमे आज की भी कुछ कवितायेँ शामिल हैं।
श्री सिंह का एक शोध पत्र/निबंध प्रख्यात पब्लिशिंग हाउस 'स्प्रिंगर' से इस वर्ष प्रकाशित हो रहा है।
No comments:
Post a Comment
Note: only a member of this blog may post a comment.